विवेकाधीन संसद सदस्य कोटा खत्म।
सरकार ने केन्द्रिय विधालयों में दाखिले के लिए सांसदों को प्राप्त विवेकाधीन कोटे को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के 100 बच्चों, सांसद और केवी के सेवानिवृत कर्मचारियों के बच्चों व आश्रित पोते-पोतीयों तथा स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के विवेकाधीन कोटा सहित अन्य कोटे को भी समाप्त कर दिया गया है।
क्या था सांसद कोटा?
इस कोटे के तहत प्रत्येक सांसद हर शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 1 से 9 तक में दाखिले के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र से १० छात्रों की सिफारिस कर सकता था। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22 में, सांसद कोटे से 7301 छात्रों का प्रवेश हुआ।
वर्तमान में, लोकसभा में 543सांसद और राज्यसभा में 245 सांसद है, इस प्रकार हर वर्ष इस कोटे से केवी में 7880 छात्रों के प्रवेश संभव थे।
कैसे हुई शुरूआत?
दिसंबर 2021 में बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने संसद में सांसद कोटे को समाप्त किए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जब नवोदय विद्यालयों, केन्द्रिय विश्वविधालयों, आइआइटी और आइआइएम जैसे संस्थानों में सांसदों को दाखिले का अधिकार नहीं है तो केंद्रीय विद्यालयों में यह अधिकार क्यों दिया गया है।
21 मार्च को केंद्रिय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने संसद से सांसद कोटे को रखने या खत्म करने पर सामूहिक रूप से बहस करने का आग्रह किया।
कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को सीधा प्रवेश।
कोरोना महामारी के चलते अनाथ हुए बच्चों का पीएम केयर्स फाॅर चिल्ड्रेन स्कीम के तहत केवी में सीधा दाखिला होगा। इसके तहत एक क्लास में अधिकतम 2 बच्चों और एक केवी में 10 बच्चों का दाखिला होगा।
सशस्त्र के शिक्षा निदेशालय (सेना, वायुसेना, नौसेना व कोस्ट गार्ड) एक सत्र में अधिकतम 6 बच्चों के प्रवेश के लिए सिफारिस कर सकेंगें। हालांकि 10वीं, 12वीं पर ये प्रावधान लागूू नहीं होंगे।
केन्द्र सरकार के जिन कर्मियों की नौकरी के दौरान निधन हो गया हो, उनके बच्चों का भी सीधा प्रवेश हो सकेगा।
इन बच्चों का भी होगा सीधा प्रवेश।
राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा पुलिस पदक प्रप्तकर्ताओं के बच्चों का, स्काउट और गाइड में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्तकर्ता, परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र, सेना मेंडल प्राप्तकर्ताओं के बच्चों का।
केन्द्रिय पुलिस संगठनों के ग्रुप बी और सी कर्मचारियों के बच्चोंं के लिए 50 सीटें, जिनमें सीआपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ, एनडीआरएफ और असम राइफल्स शामिल हैं।
राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार या बालश्री पुरस्कार लेने वाले एवंं ललित कलाओं में राष्ट्रीय अथवा राज्य स्तर पर विशेष प्रतिभा प्रदर्शित करने वाले बच्चों का।
तारीख: 29/04/2022
लेखक: निशांंत कुमार।