क्वाड हिंद और प्रशांत महासागर से लगे हुए देश भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान का समूह है। क्वाड शब्द ‘क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा वार्ता’ के क्वाड्रीलेटरल (चतुर्भज) से लिया गया है। आधिकारिक तौर पर यह एक औपचारिक गठबंधन नहीं है बल्कि यह एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है।
लक्ष्य।
क्वाड का उदेश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों के हितों की रक्षा करना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है। इनमें समुद्री सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे के अलावा वर्तमान में कोरोना महामारी भी शामिल है। क्वाड को चीन के बढ़ते प्रभाव और विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के प्रयास के रूप में भी देखा जाता है।
शुरूआत।
2006 में तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे क्वाड के गठन पर विचार करने वाले पहले व्यक्ति थे। थोड़ा सा पीछे जाएं तो क्वाड जैसे समूह को बनाने की जरूरत पहली बार 2004 में आई सुनामी के बाद पड़ा, जब भारत ने जापान, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के साथ मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया था।
पहली बैठक।
4 देशों के इस समूह की पहली बैठक 2007 में फिलिपिंस की राजधानी मनीला में आयोजित हुई थी। इसी वर्ष क्वाड देशों और सिंगापुर ने मिलकर बंगाल की खाड़ी में मालाबार नौसैनिक अभ्यास में भाग लिया था।
पतन।
2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस्तीफा दे दिया। इसी वर्ष क्वाड के आलोचक केविन रूड ऑस्ट्रेलिया ने खुद को समूह से अलग कर लिया। इस तरह गठबंधन धीरे-धीरे टूट गया और लगभग एक दशक तक निष्क्रिय रहा।
रिवाइवल।
2017 में, जापान ने आधिकारिक तौर पर क्वाड के पुनरूद्धार की बात रखी। इसके बाद समूह की पहली कार्य-स्तरीय बैठक मनीला में हुई। ऑस्ट्रेलिया एक दशक से अधिक समय के बाद भारत-अमेरिका-जापान मालाबार नौसैनिक अभ्यास मे शामिल हुआ।
मुलाकात।
मार्च 2021 में, क्वाड नेता पहली बार वर्चुअल रूप से मिले। क्वाड नेताओं का पहला इन-पर्सन शिखर सम्मेलन सितंबर 2021 में अमेरिका में हुआ। दूसरा इन-पर्सन शिखर सम्मेलन मई 2022 में जापान में आयोजित किया गया।
तरीका।
क्वाड एक औपचारिक गठबंधन के बजाय एक ढीला ढाला गठजोड़ है, जिसमें नाटो या संयुक्त राष्ट्र जैसी निर्णय लेने वाली कोई बॉडी या औपचारिक संरचना नहीं है। यह सिर्फ शिखर सम्मेलन, बैठकों, सूचना आदान प्रदान और सैन्य अभ्यास के माध्यम से ही कार्य करता है। दक्षिण कोरिया ने भी क्वाड में शामिल होने की इच्छा जताई है, हालांकि अमेंरिकी अधिकारियों ने कहा है कि वे इस पर विचार नहीं कर रहे हैं।
तारिख: 26/05/2022
लेखक: शत्रुंजय कुमार।