भारत और नेपाल के बीच रेल संपर्क को बढ़ावा देने के लिए बिहार के जयनगर को नेपाल के कुर्था क्षेत्र से जोड़ने वाली पहली बड़ी लाइन वाली यात्री रेलवे सेवा शुरू की गई है। इस सेवा का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने किया।
इस रेल लाइन की कुल लंबाई 34.9 किलोमीटर है। यात्रियों की सुविधा के लिए इस रेल मार्ग 8 स्टेशन, 6 हाल्ट तथा 47 रोड क्रॉसिंग का निर्माण किया गया है।
दोनों देशों के बीच यात्री रेल सेवा 8 साल बाद शुरू हुई है। इससे पहले जयनगर और जनकपुर (नेपाल) के बीच एक नैरो गेज सेवा चलती थी, जिसे 2014 में बड़ी लाइन में बदलने के लिए बंद कर दिया गया था।
निर्माण में भारत में खर्च किए 550 करोड़।
जयनगर-कुर्था (34.90 KM) रेल मार्ग जयनगर-बिजलपूरा-बर्दिबास रेल (68.72 KM) परियोजना का पहला चरण है। रेलवे के अनुसार परियोजना का दूसरा चरण कुर्था-बिजलपूरा भी तैयार है और तीसरे चरण में बिजलपूरा-बर्दिबास का कार्य जोरों पर है। भारत सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए रुपए 550 करोड खर्च किए हैं।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार इस रेल सेवा से भारत और नेपाल के बीच संपर्क मजबूत होंगे तथा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रेलवे का कहना है कि यह भारत के मिथिलांचल और नेपाल के जनकपुर धाम के बीच रेल कनेक्टिविटी स्थापित कर रहा है।
यात्रियों के लिए आवश्यक दस्तावेज।
यात्रा के लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी जो नीचे दी गई है।
- पासपोर्ट
- भारत सरकार, राज्य सरकार, संघ शासित प्रदेशों की ओर से कर्मचारियों के लिए जारी फोटो पहचान पत्र।
- चुनाव आयोग की तरफ से जारी फोटो पहचान पत्र।
- नेपाल स्थित भारतीय दूसरा दूतावास भारतीय महावाणिज्य दूतावास की ओर से जारी आपातकालीन प्रमाण पत्र या परिचय प्रमाण।
- 65 से अधिक और 15 वर्ष से कम आयु के लोगों की उम्र और पहचान की पुष्टि के लिए फोटो युक्त दस्तावेज जैसे- पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सीजीएचएस कार्ड, या राशन कार्ड आदि।
यह होंगे आठ स्टेशन।
- जयनगर (भारत)
- इनरवा (सीमा स्टेशन)
- खजूरी
- महिनाथपुर
- वैदेही
- परवाहा
- जनकपुर
- कुर्था
तारीख: 05/04/2022
लेखक: राकेश कुमार।